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8th Pay Commission Salary Hike

आठवां वेतन आयोग चपरासी की सैलरी में तीन गुना बढ़ोतरी यहां देखें

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8th Pay Commission Salary Hike आठवें वेतन आयोग को लेकर सरकारी कर्मचारियों में उत्सुकता लगातार बढ़ रही है। लंबे समय से सैलरी बढ़ोतरी की चर्चा चल रही है और यह उम्मीद भी जताई जा रही है कि निचले स्तर के कर्मचारियों को सबसे अधिक लाभ मिल सकता है। हालांकि सरकार ने 8th Pay Commission का गठन तो जनवरी 2025 में मंजूर कर दिया था, लेकिन इसके नियम और सिफारिशें अभी तय नहीं हुई हैं। फिलहाल पिछले आयोगों के अनुभव और मौजूदा आर्थिक हालातों के आधार पर अनुमान लगाए जा रहे हैं। इस पूरी प्रक्रिया में फिटमेंट फैक्टर अहम भूमिका निभाएगा, क्योंकि इसी के आधार पर कर्मचारियों की नई बेसिक सैलरी तय होगी।

वेतन वृद्धि का अनुमान

खबरों के मुताबिक, इस बार आयोग की सिफारिशें खासकर पे लेवल 1 से 5 तक के कर्मचारियों के लिए राहतकारी साबित हो सकती हैं। सातवें वेतन आयोग में न्यूनतम वेतन ₹18,000 निर्धारित किया गया था, जबकि अब इसे बढ़ाकर ₹41,000 से ₹51,480 तक किए जाने की संभावना जताई जा रही है। इसका सीधा अर्थ है कि निचले ग्रेड में काम करने वाले कर्मचारियों को प्रतिशत के हिसाब से अधिक बढ़ोतरी मिलेगी। सूत्रों के अनुसार, इस बार फिटमेंट फैक्टर 2.5 से 2.86 के बीच रहने की उम्मीद है।

8th Pay Commission Salary Hike

पे लेवल 1 लेवल 1 में मल्टीटास्किंग स्टाफ, सफाईकर्मी, चपरासी, चौकीदार और दफ्तरी जैसे पद आते हैं। इनकी मौजूदा बेसिक पे ₹18,000 है। पे लेवल 3 इस लेवल में कांस्टेबल, तकनीशियन, पंचायत सचिव और सीनियर क्लर्क शामिल होते हैं। अलग-अलग राज्यों में पंचायत सचिव को लेवल 3 या 5 में रखा जाता है। पे लेवल 4 इस श्रेणी में लोअर डिवीजन क्लर्क (LDC), डाटा एंट्री ऑपरेटर, असिस्टेंट और सीनियर स्टेनोग्राफर जैसे पद आते हैं। इनकी बेसिक सैलरी फिलहाल ₹25,500 से शुरू होती है।

फिटमेंट फैक्टर की अहमियत

फिटमेंट फैक्टर वह गुणांक है जिसके आधार पर पुराने बेसिक पे को नए वेतन ढांचे में बदला जाता है। सातवें वेतन आयोग में यह 2.57 रखा गया था, जिसकी वजह से न्यूनतम वेतन ₹7,000 से बढ़कर ₹18,000 हो गया था। इस बार संभावना है कि इसे 2.86 तक बढ़ाया जाए। यदि ऐसा हुआ तो न्यूनतम बेसिक पे ₹51,480 तक पहुंच सकता है।

वास्तविक सैलरी में इजाफा

यह ध्यान देने योग्य है कि फिटमेंट फैक्टर केवल बेसिक वेतन पर लागू होता है, जबकि कर्मचारियों की कुल सैलरी में HRA, DA जैसे भत्ते भी शामिल रहते हैं। सातवें आयोग में 2.57 फिटमेंट फैक्टर होने के बावजूद कुल बढ़ोतरी औसतन 14% ही रही थी क्योंकि महंगाई भत्ता बेसिक में समाहित कर दिया गया था। विशेषज्ञों का मानना है कि इस बार कर्मचारियों की वास्तविक आय में 13% से 34% तक का सुधार देखने को मिल सकता है।

सरकार का लक्ष्य है कि यह वेतन ढांचा 1 जनवरी 2026 से लागू किया जाए, हालांकि प्रक्रिया लंबी होने पर इसे 2027 तक भी टाला जा सकता है। नए वेतन आयोग के लागू होने से कर्मचारियों की आय में बढ़ोतरी के साथ बाजार में खपत और मांग भी बढ़ने की उम्मीद है, हालांकि इससे सरकार पर अतिरिक्त वित्तीय दबाव भी पड़ेगा।

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