Cheque Bounce Update आज के समय में जब लोग ज़्यादातर भुगतान UPI, नेट बैंकिंग या कार्ड से करते हैं, फिर भी चेक की अहमियत खत्म नहीं हुई है। बड़े लेन-देन जैसे मकान का किराया, बिजनेस का भुगतान या लोन चुकाने में आज भी लोग चेक को सबसे भरोसेमंद और सुरक्षित तरीका मानते हैं। हालांकि, कई बार चेक बाउंस होने से मुश्किलें खड़ी हो जाती हैं। कभी खाते में बैलेंस की कमी, तो कभी तारीख या हस्ताक्षर की गड़बड़ी, और कई बार जानबूझकर गलत चेक जारी करने से लोगों को आर्थिक और मानसिक दोनों तरह का नुकसान उठाना पड़ता है। यही कारण है कि भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) ने अब नए नियम लागू किए हैं ताकि चेक से होने वाले लेन-देन और भी पारदर्शी और सुरक्षित बन सकें।
चेक बाउंस और उसके परिणाम
डिजिटल लेन-देन के बढ़ते प्रचलन के बावजूद कई परिस्थितियों में चेक का विकल्प आज भी जरूरी माना जाता है। खासकर औपचारिक सौदों में चेक की भूमिका महत्वपूर्ण रहती है। लेकिन जब चेक पास नहीं होता तो भुगतान अटक जाता है और अक्सर विवाद की स्थिति पैदा हो जाती है। पहले तो बैंक से सूचना मिलने में भी देरी हो जाती थी जिससे परेशानी और ज्यादा बढ़ जाती थी।
24 घंटे में तुरंत अलर्ट
अब RBI ने नया नियम बनाया है कि अगर किसी का चेक बाउंस होता है, तो बैंक को 24 घंटे के भीतर ग्राहक को SMS या ईमेल द्वारा सूचित करना अनिवार्य होगा। इससे ग्राहक तुरंत स्थिति समझकर आगे की कार्रवाई कर पाएगा और नुकसान कम होगा।
जानबूझकर चेक बाउंस करने वालों पर सख्ती
RBI ने यह भी स्पष्ट कर दिया है कि यदि कोई व्यक्ति जानबूझकर गलत चेक देता है, तो उस पर अब पहले से ज्यादा सख्त कार्रवाई होगी। पहले ऐसी स्थिति में अधिकतम सजा एक साल थी, लेकिन अब इसे बढ़ाकर दो साल कर दिया गया है। इसके साथ ही भारी जुर्माना भी लगाया जाएगा ताकि लोग चेक को लापरवाही से न इस्तेमाल करें।
बार-बार गलती करने वालों की चेकबुक जब्त
अगर कोई खाता धारक बार-बार चेक बाउंस कराता है, तो बैंक उसके खिलाफ कड़ा कदम उठाकर उसकी चेकबुक सुविधा ही बंद कर देगा। इसका मतलब है कि ऐसे व्यक्ति को भविष्य में केवल ऑनलाइन या डिजिटल माध्यम से ही भुगतान करना होगा। यह नियम ईमानदार लोगों की सुरक्षा और लेन-देन की विश्वसनीयता बढ़ाने के लिए लागू किया गया है।
₹5 लाख से अधिक के चेक पर पॉज़िटिव पे सिस्टम
अब ₹5 लाख से अधिक राशि के चेक के लिए पॉज़िटिव पे सिस्टम जरूरी कर दिया गया है। इसमें चेक जारी करने से पहले उसकी सभी जानकारियाँ—जैसे तारीख, रकम और लाभार्थी का नाम—बैंक को देनी होंगी। इस प्रक्रिया से धोखाधड़ी और किसी भी तरह की छेड़छाड़ की संभावना काफी हद तक कम हो जाएगी।
ऑनलाइन शिकायत व्यवस्था
चेक बाउंस से जुड़ी शिकायत दर्ज करना अब पहले से ज्यादा आसान बना दिया गया है। अदालत के चक्कर लगाने की जगह लोग ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से शिकायत दर्ज करा सकते हैं। RBI की कोशिश है कि ऐसे मामलों का समाधान छह महीने के भीतर कर दिया जाए ताकि दोनों पक्षों को राहत मिल सके।
तकनीकी कारणों पर ग्राहक को राहत
अगर चेक बैंक की गलती या तकनीकी समस्या की वजह से बाउंस होता है, तो ग्राहक से कोई पेनल्टी नहीं ली जाएगी। यानी, यदि खाते में पैसा उपलब्ध है और गलती बैंक की ओर से है, तो ग्राहक पूरी तरह सुरक्षित रहेगा। इससे ईमानदार उपभोक्ताओं को अनावश्यक तनाव और परेशानी से बचाया जा सकेगा।
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