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CIBIL Score सिबिल को स्कोर क्रेडिट इनफॉरमेशन ब्यूरो लिमिटेड स्कोर भी कहा जाता है यह भारतीय व्यक्तियों के क्रेडिट शाखा का आकलन करने के लिए वित्तीय पैमाना है जिसको 300 से 900 के बीच दर्शाया जाता है।
आपकी क्रेडिट हिस्ट्री और भुगतान व्यवहार से निर्धारित की जाती है उच्च सिबिल स्कोर क्रेडिट शर्तों और ऋण को आसान स्वीकृत की संभावनाओं को बढ़ता है एवं कम सिबिल स्कोर होने पर वित्तीय संस्थानों के द्वारा पैसा डूबने का खतरा रहता है।
CIBIL Score का महत्व
वर्तमान समय में वित्तीय स्थिति में सिबिल स्कोर का महत्व अधिक बढ़ गया है सिबिल स्कोर केवल ऋण और क्रेडिट कार्ड प्राप्त करने के लिए महत्वपूर्ण नहीं बल्कि अन्य वित्तीय निर्णय के लिए भी प्रभावित करता है किसी भी बैंक या वित्तीय संस्थानों के द्वारा ऋण स्वीकृत करने से पहले सिबिल स्कोर की जांच की जाती है अच्छा सिबिल स्कोर होने पर ऋण की स्वीकृति तुरंत कर दी जाती है।
यदि आपका भी सिविल स्कोर अच्छा है तो आप बिल्कुल कम ब्याज दरों से ऋण प्राप्त कर सकते हैं एवं लंबी अवधि के भुगतान का भी विकल्प होता है क्रेडिट कार्ड जारी करने वाली कंपनियों द्वारा भी सिबिल स्कोर का मूल्यांकन करके उच्च क्रेडिट लिमिट वाले कार्ड भी प्राप्त करने में मदद तो होती है।
बीमा कंपनियों द्वारा प्रीमियम निर्धारित करते समय आपकी क्रेडिट स्कोर को चेक किया जाता है।
सिबिल स्कोर की गणना
सिबिल स्कोर एल्गोरिथम का उपयोग करके गणना की जाती है यदि आपके द्वारा ऋण और क्रेडिट कार्ड के बिलों का भुगतान समय पर किया जाता है तो आपके स्कोर पर इसका सकारात्मक प्रभाव पड़ता है एवं इसकी जगह यदि आपके द्वारा किस्त देर से चुकाई जाती है तो आपके सिविल स्कोर काफी कम हो जाता है इसका 30% प्रभाव आपके सिबिल स्कोर पर पड़ता है।
आपको आपकी सिबिल स्कोर के आधार पर उपलब्ध करवाई जाने वाली क्रेडिट राशि के अनुसार कम क्रेडिट राशि का उपयोग किया जाना चाहिए जिससे क्रेडिट पर अत्यधिक निर्भर नहीं होते हैं जिसके कारण आपका स्कोर अच्छा रहता है एवं क्रेडिट सीमा का 30% से कम उपयोग करना चाहिए।
CIBIL Score प्रभावित करने वाले कारक
यदि आपके द्वारा समय-समय पर ऋण और क्रेडिट कार्ड के बिलों का भुगतान किया जाता है एवं लंबा और विविध क्रेडिट इतिहास के अनुसार आपकी सिबिल स्कोर पर अच्छा प्रभाव पड़ता है नई क्रेडिट कार्ड का आवेदन करने की संख्या को सीमित रखना और सुरक्षित ऋणों को स्वस्थ मिश्रण रखना चाहिए।
भुगतान में देरी या चूक होती है एवं उच्च क्रेडिट उपयोग अनुपात कई ऋणों के साथ आवेदन करने गारंटी बनाकर यदि प्राथमिक उदार करता भुगतान में देरी करता है तो आपके सिबिल स्कोर पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है।
सिबिल स्कोर कैसे बढ़ाएं
यदि आपका भी सिबिल स्कोर कम है एवं आप उसमें सुधार करना चाहते हैं तो सभी ऋण और क्रेडिट के बिलों को हमेशा निर्धारित तिथि तक भर लें एवं स्वचालित भुगतान का उपयोग कर सकते हैं आपकी दोबारा 30% से कम क्रेडिट सीमा का उपयोग करना चाहिए एवं बकाया को कम करने पर ध्यान देना चाहिए यदि आपके पास भी पुराना क्रेडिट खाता है तो उसको चालू रखें एवं यदि आपके द्वारा नियमित रूप से उपयोग नहीं किया जाता है तो उसे बंद कर देना चाहिए जिससे क्रेडिट इतिहास आपके स्कोर के लिए अच्छा होता हैं।
आपके द्वारा क्रेडिट कार्ड प्राप्त करके उसका समय पर भुगतान करें एवं किसी भी बैंक में एफडी का उपयोग करने से भी सिबिल स्कोर बढ़ सकता है।
बिना CIBIL Score लोन कैसे प्राप्त करें?
आपका भी सिबिल स्कोर कम है एवं लोन प्राप्त करना चाहते हैं तो आपको एक गारंटर की आवश्यकता होगी इसमें आपका कोई भी करीबी रिश्तेदार या मित्र जिसका सिबिल स्कोर अच्छा है उसको आप गारंटर के लिए अनुरोध कर सकते हैं उसकी अच्छी क्रेडिट हिस्ट्री होने पर आपको लोन स्वीकृत में संभावनाएं बढ़ सकती जाएगी।
एवं आप परिवार के सदस्य या जीवनसाथी जिसकी आय स्थिर है एवं सिबिल स्कोर अच्छा है तो उसके साथ आवेदन करके लोन प्राप्त कर सकते हैं।
आपको कम राशि के लोन की आवश्यकता है तो कुछ विशेष संस्थानों द्वारा बिना सिबिल स्कोर के भी छोटा लोन प्रदान कर दिए जाते हैं लेकिन उसे पर आपके उच्च ब्याज दरों का भुगतान करना होगा एवं पुनः भुगतान की समय सीमा कम होगी।
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