TET For Teachers सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में अपने अहम फैसले में स्पष्ट कर दिया है कि अब किसी भी शिक्षक के लिए नौकरी जारी रखने या पदोन्नति (प्रमोशन) पाने के लिए टीचर एलिजिबिलिटी टेस्ट (TET) पास करना ज़रूरी होगा। इस आदेश के बाद उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड समेत कई राज्यों के शिक्षा विभाग में हलचल मच गई है।
उत्तर प्रदेश में लगभग 2 लाख शिक्षक ऐसे बताए जा रहे हैं जिनके पास अभी तक TET की योग्यता नहीं है, वहीं उत्तराखंड में यह संख्या लगभग 15 हज़ार है। ये सभी शिक्षक प्राथमिक और जूनियर स्तर के स्कूलों में कार्यरत हैं। आदेश के बाद शिक्षकों की नौकरी पर संकट गहराने से राज्य सरकारें समाधान ढूंढने में जुट गई हैं। यूपी सरकार पुनर्विचार याचिका दाखिल करने पर विचार कर रही है।
बड़ी संख्या में शिक्षक प्रभावित
सुप्रीम कोर्ट ने साफ कहा है कि शिक्षा का अधिकार अधिनियम लागू होने (2011) से पहले भर्ती हुए शिक्षकों को भी TET अनिवार्य रूप से पास करना होगा। हालांकि, जिन शिक्षकों की सेवा अवधि केवल 5 साल या उससे कम बची है, उन्हें थोड़ी राहत दी गई है। आदेश के बाद लाखों शिक्षकों की चिंता बढ़ गई है क्योंकि दो वर्षों के भीतर परीक्षा पास करना उनके लिए चुनौती है।
उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड पर सीधा असर
सिर्फ उत्तर प्रदेश में ही लगभग दो लाख शिक्षक प्रभावित हैं, जबकि उत्तराखंड में करीब 15 हज़ार शिक्षक बिना TET के कार्यरत हैं। सरकार इस फैसले पर कानूनी रास्ता अपनाने की तैयारी में है। उधर, शिक्षकों का कहना है कि उनकी नियुक्ति समय की भर्ती शर्तों के अनुसार हुई थी, ऐसे में सुप्रीम कोर्ट का आदेश उन पर लागू करना अनुचित है। उन्होंने चेतावनी दी है कि यदि आदेश सीधे लागू किया गया तो वे आंदोलन का रास्ता अपनाएंगे।
देशभर में लाखों शिक्षक नहीं हैं TET पास
यह केवल यूपी और उत्तराखंड की समस्या नहीं है, बल्कि राजस्थान, झारखंड, मध्य प्रदेश सहित कई राज्यों के लाखों शिक्षक प्रभावित हो रहे हैं। राजस्थान में लगभग 80,000 थर्ड ग्रेड शिक्षक TET की पात्रता नहीं रखते। झारखंड में करीब 40,000 प्राइमरी शिक्षक में से 15,000 TET पास नहीं हैं और इसके अलावा लगभग 50,000 पारा शिक्षक भी कार्यरत हैं, जिनमें से अधिकांश के पास यह योग्यता नहीं है। मध्य प्रदेश में भी 1984 से 1990 तक भर्ती हुए कई शिक्षक बिना TET प्रमाणपत्र के सेवाएं दे रहे हैं।
कोर्ट का स्पष्ट निर्देश
सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि भविष्य में नई भर्ती हो या प्रमोशन, दोनों ही स्थितियों में TET पास करना अनिवार्य होगा। पुराने शिक्षकों को 2 साल की मोहलत दी गई है ताकि वे परीक्षा पास कर सकें। अगर इस अवधि में शिक्षक सफल नहीं होते हैं तो उन्हें या तो स्वयं इस्तीफा देना होगा या फिर सरकार उन्हें सेवा से हटा सकती है। हां, जिन शिक्षकों की सेवानिवृत्ति केवल 5 साल बची है, वे बिना TET के अपनी सेवा पूरी कर सकते हैं, लेकिन प्रमोशन के लिए उन्हें भी परीक्षा पास करनी होगी।
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